सोमवार, 25 अक्तूबर 2010

ट्रेन वाला --

ये भंवर सालवा कल्ला का
का रहने वाला हूँ। ैं और मैं भी अपनी एक हसीन कहानी आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहा हूँ। उम्मीद है आपको पसंद आयेगी।

तो आइये अब रूख करते हैं कहानी की ओर-

यह कोई दो महीने पहले की बात है, मैं ट्रेन से सफर करते हुए अपने गाँव जा रहा था। ट्रेन में काफी भीड़ थी इसलिए मुझे सीट नहीं मिली। मैं जाकर ट्रेन के दरवाजे पर खड़ा हो गया। मैं खड़ा हुआ बोर हो रहा था, तभी एक लड़की और उसकी दादी भी उसी डिब्बे में चढ़ गई। दादी को तो एक अकंल ने सीट दे दी पर वो लड़की मेरे पीछे आकर खड़ी हो गई। इसी दौरान गाड़ी चल पड़ी। गाड़ी तेज चल रही थी जिससे यात्री इधर उधर हिल रहे थे। मेरा हाथ बार बार उसके पेट से टकरा रहा था और वो मुझे गर्म लग रही थी। अब तो मेरे मन ने हिलोरें लेनी शुरू कर दी, मैंने जानबूझ कर अपना हाथ उसके पेट पर फेरना शुरू कर दिया। उसे भी लगने लगा कि मैं यह सब जानबूझ कर कर रहा हूँ। उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे धीरे से मना कर दिया। भीड़ की वजह से किसी का ध्यान हम पर नहीं था।

अब मैं घूम कर उसकी ओर मुँह करके खड़ा हो गया और उससे उसका नाम पूछा तो उसने बिना किसी ना-नुकर के अपना नाम बता दिया। उसका नाम विनीता था। मैंने उससे उसके बारे में सब कुछ पूछ लिया। वो फरीदाबाद की रहने वाली थी। मैंने उससे उसका पता और फोन नंबर लिया, मैंने भी अपना नंबर उसे दे दिया। इसके बाद मेरा स्टेशन आ गया और मैं उतर के अपने गाँव चला गया।

15 दिन गुजर गये, ना तो उसने काल किया ना मैंने ! लेकिन 15 दिन बाद उसका एस एम एस आया कि वो एक जरूरी काम से गाजियाबाद आ रही है। उसने मुझे होटल का नाम बता दिया। उस दिन मैं शाम 7 बजे होटल पहुँच गया। मैंने उसके बताये कमरे का दरवाजा खोला, मैंने देखा कि विनीता बेड पर उल्टी लेटी थी। मैंने दरवाजा बंद कर दिया, विनीता ने एक हल्की नाईटी पहनी थी जिससे उसका सारा शरीर साफ दिख रहा था।

जब मैंने विनीता को उस हल्की नाईटी में देखा तो मेरा छ: इंच का लंड सलामी देने लगा। मैंने खुद को कन्ट्रोल किया और धीरे से मैंने उसे आवाज लगाई। मेरी आवाज सुनकर वो बड़ी तेजी से उठी और मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मुझे बेहताशा चूमने लगी। मैंने भी उसका पूरा साथ दिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। मेरे हाथ उसके पेट पर घूम रहे थे। मैं उसे बिस्तर पर ले गया वो चुदने के लिए बेकरार थी।

मैंने उसकी नाईटी उतार दी। अब वो सिर्फ पैन्टी और ब्रा में थी। मैंने उसका फिगर निहारा क्या गजब का फिगर था ! उसकी चुच्ची बिल्कुल कैटरीना की तरह थी। मैंने उसकी चुच्ची को दबा दिया। अब उसने मुझे कपड़े निकालने को कहा तो मैंने कहा- तुम ही निकाल दो !

उसने मेरे कपड़े उतार दिए। अब मैं भी सिर्फ कच्छे में था। मेरा लंड बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। मैंने अब अपना हाथ विनीता की पैंटी में डाल दिया और उसकी चूत मसलने लगा। उसकी चूत पे एक भी बाल नहीं था। उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी और वो जोर जोर से सिसकियाँ ले रही थी- आ आह अअअ उउउ आ अअ ! मार डाल ! फाड़ दे ! चोद दे ! सि..

मैं भी उसकी चूत को जोर जोर से रगड़ रहा था। वो मेरे हाथ पे ही झड़ गई।

मैंने उसे लेटने को कहा, उसकी टाँगें चौड़ी की और अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखा और दो धक्को में ही लंड अंदर चला गया। पूरा कमरा उसकी चुदाई की चीखों से भर गया। मैंने विनीता की चुच्चियों को मुँह में दबा रखा था। लगभग बीस मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गये। उस रात हमने चार बार चुदाई की।

सुबह वो अपने रास्ते चली गई और मैं अपने !

पर हम आज भी फोन पर चूत-चुदाई करते हैं!

गार्ड की बीवी

भँवर चौधरी अब 22का हो गया
घरवालो ने शादी कर दी पर घर की मुर्गी दाल बराबर
आज भी तन ओर मन बाहर लगा रहता
मै राईकाबाग कालोनी के रेल क्वाटर मे रहने लगा था
सामने क्वाटर मे 1रेलवे गार्ड रहता
उसकी बिवी मुजे रोज देख कर मुस्कराया करती
गार्ड 1रात ड्युटी पर गया मै बाहर ब्रुश कर रहा था उसके कमरे से रोशनी
दिखी तो देखा कि वो अपने कपङे उतार कर नाईटी पेहन रही थी
जानबूज कर दरवाजा खुला रखा था उसने
मैने जोर से आह किया तो वो तपाक से दरवाजा बँद करने भागी
लेकिन फिर थोङा खोलकर देख रही थी
कि भँवर जाट अँदर गया कि नही
लेकिन मे खङा था
अब उसने मुजे देखा फिर ईशारा किया तो मै
उधर गया ओर बोला क्या बात है आँटी
तो बोली आज आपके चाचा रात की डयुटी से गये मुजे अकेली नीँद ना आयेगी मुजे
डर लगता आज रात आप मेरे ईधर सो जाओगे
अँधे के हाथ बटेर मैने अपना कमरा बँद किया ओर चला गया
आधी रात बाद देखा उसकी नाईटी घुटनो के उपर तक सरक चुकी थी
मै उठ कर बाथरुम गया
वापस आयी तो वो करवट बदलकर लेट गयी अब पेँटी ज्यादा उपर थी फिर क्या था
मैने न्यौता समझ कर उसके पँलग पर लेट गया बाद मे पता चला की वो चुदाई की
पहल मेरी तरफ से करना चाहती थी 1एक करके कपङे उतरते गये
गार्ड गाङी खीच रहा था मै भाभी कि साङी
सारी रात 3बार चुदाई की ओर वो बोली पति रात भर गाङी पर जाते मेरी रात नही
कटती अब जब भी गार्ड की नाईट ड्युटी आती मै चला जाता आँटी के साथ खेलने
बहुत मजा आता यार अब मन करता की हर गार्ड की क्वाटर के सामने घुमा करु
आपका
भँवर सिरवाण
सालवा कल्ला वाला

ठेकेदार वाली




मै वर्कशाप मे काम करता
वहाँ 1ठेकेदार ने भवन निर्माण का ठेका लिया
5आदमी 3 औरते और ठेकदार के अलावा
1हुस्न की मलीका ठेकेदार की बिटीया (22) भी काम पर आती थी
क्या जवानी हिलोरे मार रही थी तना हुआ सीना जानदार गोलमटोल 2 कमसीन चुची जिसको देखकर वर्कशाँप के बुढे भी अपने को जवान समझने लगे
एक दिन मै ढाबे पर चाय लाने गया तो वो भी वहाँ चाय लाने गयी थी
मैने उसके समीज के अँदर से तने बोबे देखे तो पागल सा हो गया
मैने चाय पेक कराकर जल्दी से पीछे हो लिया
ऊधर मेरा जिगरी आरःमीणा मुजे साथ देक कर बोला वाह भँवरिया क्या माल फँसाया
तब लङकी ने मुजे गुरा ओर आगे निकली
मैने जाखङ को चाय देकर
उसके पीछे भागा
वो निर्माण कार्य पर चाय देकर टायलेट की तरफ गयी थी
लेँडीज जेन्ट टायलेट पास था
मै भी अपनी चैन खोलता अदर घुसा पर मेरा मुना टाईट हो चुका था उसे पेशाब नही शबाब चाईए था
अब वो बाहर आ गयी
मैने अपना कमीज थोङा उपर कर लिया ताकि टाईट शैतान अँदर से दिखे
मेरी ईस स्थिति को वो समझ कर वो मुस्कराईं
बस मै समझा की वो आज ना तो कल जरुर फँसेगीः
उस रात उसकी याद मे मैने 3 बार शैतान मूने को काम लगाया सुबह तक दुख रहा था जब मै चाय जाखङ को चाय देकर पीछे भागा तब जाखङ को शक था की भँवरिया आज ईसकी सलवार जरुर फाङेगा
अगले दिन जाखङ ने पुछा अरे भँवरा आखे लाल कैसे
मैने कहा वो देर से सोया था
9बज चुके थे
ठेकेदार परिवार के साथ काम पर आया
वो दिखी नही मुजे घबराहट होने लगी
10बजे दिखी तो मैरा मुना टन से पेँट के बार निकलने की कोशिश करने लगा
2बजे लँच हुआ मै ऊधर गया तो वो 1कमरे की छत पर पानी डाल रही थी मोटर से
भीगे सलवार कुर्ते से छलकती जवानी
वाह मुजे देखते ई मुस्कराई उधर कोई नही था
मैने उसको ईशारा किया
वो नीचे आकर बोली क्या है
मै अपने नुने को सहलाते बोला बस तुज पर दिल आ गया
वो बोली अरे जा तुज जैसे बहुत देखे
भँवरा कहा कम था बोला जानू एक बार मुजे नही मेरा देख
फिर बोलना.....
तभी कमीना मीणा उधर आता दिखाई दिया
मै भाग गया उधर से
थोङी देर बाद वापस गया तो वो अपने गिले समीज को निचोङ रही थी
अरे बाबा
क्या बोबे थे
मै तो तपाक से अँदर गया ओर पकङ लिया
अब क्या जो होना होगा
लेकिन वो बोली कल 2बजे मिलना
मैने कह दिया कल रात 3बार मारी तब नीँद आयी
आज कैसे होगा
उसने कल का कहा तो मुजे शक हुआ पर मैने कल का ईँतजार किया
आज मेरी आखे 7बजे से उसका ईँतजार मे थी
9बजे आयी तो ईशारा किया 2बजे का
मेरे 2बजने का मतलब 2महीनेः
जैसा था
2बजे मै उधर गया तो वो सीमेट के कटे ईधर उधर कर री थी
अँदर गया
और खीच कर 1पप्पी दिया
वो बोली क्या चाहते
मै बोला 1बार ठोकना
वो बोली 500रु लगेगा
साला मेरा दिमाग खराब हो गया
मुजे गुसा आ गया
तो बोली ये मेरा कम रेट है
500रु मेरा 3दिन की कमाई थी
मै बाहर आया तो देखा शैतान मीणा और जाखङ कमरे के बाहर खङे थे दोनौ बोले काम हो गया
मैने कहा कमीनी 500माँग रही
मेरे पास 200थे
जाखङ ने मुजे 300दिये और कहा दिल के अरमाँ पुरे कर
ओ र वो चला गया
मै अँदर गया ओर बोला चल ये ले 5सौ रु और उतार कपङे
क्या लाल रँग की चढी ओर गुलाबी समीज देखते ही मुने ने लार टपका दी
वो बोली जल्दी कर लो सब काम पर आने वाले
वो सलवार पुरा ना उतार कर नीचे करके घोङी बन गयी
मै करने लगा
तभी
मीणा चिल्लाया भाग ठेकेदार आ रहा
मै तेज मचके मारने लगा
मेरा काम निकल चुका मै चैन बँद करके भागा
ये मेरी पेहली डरावनी चुदाई थी
काश मीणा ना होता तो मै पकङा जाता
जाखङ के 300रु आज भी उधार पङे है
जरुर दुँगा
भँवर सिरवाण
सालवा कल्ला